रुबाइयाँ - Rubaaiyaan (Shahid Mallya, Sireesha Bhagavatula, Qala) – (हिन्दी में लिरिक्स)

Movie/Album: कला (2022)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: स्वानंद किरकिरे
Performed By: शाहिद माल्या, सिरीषा भागवतुला

गुमनाम अंधेरों के साये
आवाज़ के राज़ छुपाये
उड़े अब्र से जा टकराए
टुकड़े-टुकड़े दोहराए

मेरे तिड़के दिल दी रुबाइयाँ
मेरे तिड़के दिल दी रुबाइयाँ
तेरे कानों में घुल सी जाए
मिसरी सी ज़बान पे आए
तेरी साँसों की धुन में समाये
टुकड़े-टुकड़े दोहराए
मेरे तिड़के दिल दी रुबाइयाँ
मेरे तिड़के दिल दी रुबाइयाँ

किसी रागिनी में, ग़ज़ल की शकल में
आऊँगा मैं तुमसे मिलने हज़ूर
ख्वाबों की बंदिश की लौ बुझा कर
दूँगा दखल बन यादों का नूर
कोमल सुरों सा हौले से आकर
चूमूँगा मैं तेरा तीखा गुरूर
शाखों की सूनी बाहें
ये शजर ये सर्द हवाएँ
तेरे अक्स के ज़ख्म सुलाएँ
टुकड़े-टुकड़े दोहराएँ

पपीहे की प्रेम निशानियाँ
पपीहे की प्रेम निशानियाँ
मेरे तिड़के दिल दी रुबाइयाँ...
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