मेरी तुम हो - Meri Tum Ho (Jubin Nautiyal, Ash King, Ludo) – (हिन्दी में लिरिक्स)
Movie/Album: लूडो (2020)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: श्लोक लाल
Performed By: जुबिन नौटियाल, ऐश किंग
आधा तेरा आधा मेरा
एक दिल बना
मेरी तुम हो
गुम हो गए, सोचा कि ये
ये क्या हुआ
मेरी तुम हो
आधा तेरा आधा मेरा...
उम्मीद जिससे न थी
वो आसरा है बनी
मंज़िल जो मेरी ना थी
वो जुस्तजू हो चली
किस्सा था क्या
क्या हो गया
ओ.. ओ.. ओ.. ओ..
मेरी तुम हो
कोई नग़मा सा गूँजा फिज़ा में
जैसे गुंचे खिले हों खिज़ा में
हुई जैसे पूरी कोई तरह आरज़ू
चलो चल के तो देखें दो पल
कहे आज हसीं अपना कल
कभी हुआ नहीं, हुआ नहीं प्यार यूँ
पुल सा कोई बंधने लगा
रिश्ता हुआ
मेरी तुम हो
दिल से मेरे, दिल तक तेरे
रस्ता हुआ
मेरी तुम हो
उम्मीद जिससे न थी...
Unplugged (ऐश किंग)
आधा तेरा आधा मेरा
एक दिल बना
मेरी तुम हो
गुम हो गए, सोचा कि ये
ये क्या हुआ
मेरी तुम हो
आधा तेरा आधा मेरा...
उम्मीद जिससे न थी
वो आसरा है बनी
मंज़िल जो मेरी ना थी
वो जुस्तजू हो चली
किस्सा था क्या
क्या हो गया
ओ.. ओ.. ओ.. ओ..
मेरी तुम हो
कोई नग़मा सा गूँजा फिज़ा में
जैसे गुंचे खिले हों खिज़ा में
हुई जैसे पूरी कोई तरह आरज़ू
चलो चल के तो देखें दो पल
कहे आज हसीं अपना कल
कभी हुआ नहीं
हुआ नहीं प्यार यूँ
पुल सा कोई बंधने लगा
रिश्ता हुआ
मेरी तुम हो
दिल से मेरे दिल तक तेरे
रस्ता हुआ
मेरी तुम हो
उम्मीद जिससे न थी...
तुम जो मिले, आधा जो था
पूरा हुआ
मेरी तुम हो
गुम हो गए...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: श्लोक लाल
Performed By: जुबिन नौटियाल, ऐश किंग
आधा तेरा आधा मेरा
एक दिल बना
मेरी तुम हो
गुम हो गए, सोचा कि ये
ये क्या हुआ
मेरी तुम हो
आधा तेरा आधा मेरा...
उम्मीद जिससे न थी
वो आसरा है बनी
मंज़िल जो मेरी ना थी
वो जुस्तजू हो चली
किस्सा था क्या
क्या हो गया
ओ.. ओ.. ओ.. ओ..
मेरी तुम हो
कोई नग़मा सा गूँजा फिज़ा में
जैसे गुंचे खिले हों खिज़ा में
हुई जैसे पूरी कोई तरह आरज़ू
चलो चल के तो देखें दो पल
कहे आज हसीं अपना कल
कभी हुआ नहीं, हुआ नहीं प्यार यूँ
पुल सा कोई बंधने लगा
रिश्ता हुआ
मेरी तुम हो
दिल से मेरे, दिल तक तेरे
रस्ता हुआ
मेरी तुम हो
उम्मीद जिससे न थी...
Unplugged (ऐश किंग)
आधा तेरा आधा मेरा
एक दिल बना
मेरी तुम हो
गुम हो गए, सोचा कि ये
ये क्या हुआ
मेरी तुम हो
आधा तेरा आधा मेरा...
उम्मीद जिससे न थी
वो आसरा है बनी
मंज़िल जो मेरी ना थी
वो जुस्तजू हो चली
किस्सा था क्या
क्या हो गया
ओ.. ओ.. ओ.. ओ..
मेरी तुम हो
कोई नग़मा सा गूँजा फिज़ा में
जैसे गुंचे खिले हों खिज़ा में
हुई जैसे पूरी कोई तरह आरज़ू
चलो चल के तो देखें दो पल
कहे आज हसीं अपना कल
कभी हुआ नहीं
हुआ नहीं प्यार यूँ
पुल सा कोई बंधने लगा
रिश्ता हुआ
मेरी तुम हो
दिल से मेरे दिल तक तेरे
रस्ता हुआ
मेरी तुम हो
उम्मीद जिससे न थी...
तुम जो मिले, आधा जो था
पूरा हुआ
मेरी तुम हो
गुम हो गए...