Kabira Lyrics | Jubin Nautiyal
Kabira कबीरा dohe lyrics by Jubin Nautiyal composed by Raaj Aashoo while penned by Traditional having music label T-Series.
Kabira (कबीर दोहे) Credits
Song Title - Kabira (कबीर दोहे)
Music - Raaj Aashoo
Singer - Jubin Nautiyal
Lyricist - Traditional
Music Label - T-Series
Kabira कबीरा (कबीर दोहे) Lyrics
Kabira (कबीर दोहे) Video
source https://www.lyricsnary.com/2021/06/kabira-jubin-nautiyal.html
from https://lyricsjohal.blogspot.com/2021/06/kabira-lyrics-jubin-nautiyal_5.html Kabira Lyrics | Jubin Nautiyal
Kabira (कबीर दोहे) Credits
Song Title - Kabira (कबीर दोहे)
Music - Raaj Aashoo
Singer - Jubin Nautiyal
Lyricist - Traditional
Music Label - T-Series
Kabira कबीरा (कबीर दोहे) Lyrics
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गुरु गोविंद दौ खड़े
काके लागो पाए
गुरु गोविंद दौ खड़े
काके लागो पाए
बलिहारी गुरु आपने
गोविंद दीयो बताए कबीरा
गोविंद दीयो बताए
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे पेड़ खजूर
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे पेड़ खजूर
पंथी को छाया नहीं
फल लागे आती दूर कबीरा
फल लागे आती दूर
ऐसी बानी बोलिए
मान का आपा खोए
ऐसी बानी बोलिए
मान का आपा खोए
औरान को शीतल करे
आप हू शीतल होये कबीरा
आप हू शीतल होये
बुरा जो देखन मैं चला
बुरा ना मिलिया कोये
बुरा जो देखन मैं चला
बुरा ना मिलिया कोये
जो मन खोजा आपना
मुझसे बुरा ना कोये कबीरा
मुझसे बुरा ना कोये
माटी कहे कुमार से
तू क्या रोंदे मोऐ
माटी कहे कुमार से
तू क्या रोंदे मोऐ
एक दिन ऐसा आएगा
मैं रोंदुंगी तोहे कबीरा
मैं रोंदुंगी तोहे
काल करे सो आज कर
आज करे सो अब
काल करे सो आज कर
आज करे सो अब
पल में परलय होएगी
बहुरि करेगा कब कबीरा
बहुरि करेगा कब
माया मरी ना मन मरा
मर मर गए शरीर
माया मरी ना मन मरा
मर मर गए शरीर
आस्ता तृष्णा ना मरी
कह गए दास कबीर रे बंधु
कह गए दास कबीर
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ
पंडित भया ना कोये
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ
पंडित भया ना कोये
ढाई अक्षर प्रेम का
पढ़े सो पंडित होये कबीरा
पढ़े सो पंडित होये
दुःख में सुमिरन सब करे
सुख में करे ना कोय
दुःख में सुमिरन सब करे
सुख में करे ना कोय
जो सुख में सुमिरन करे
तो दुःख काहे होये कबीरा
तो दुःख काहे होये
मेरा मुझमे कुछ नहीं
जो कुछ है सो तेरा
मेरा मुझमे कुछ नहीं
जो कुछ है सो तेरा
तेरा तुझको सोंपते
क्या लागे है मेरा कबीरा
क्या लागे है मेरा
जाती ना पूछो साधु की
पूछ लीजियो ज्ञान
जाती ना पूछो साधु की
पूछ लीजियो ज्ञान
मूल करो तलवार का
पड़ी रेहान दो म्यान कबीरा
पड़ी रेहान दो म्यान
निंदक नियेरे राखिये
आँगन कुटी छावाये
निंदक नियेरे राखिये
आँगन कुटी छावाये
बिन पानी साबुन बिन
निर्मल करे सुहाए कबीरा
निर्मल करे सुहाए
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