बुढ़ऊ - Budhau (Bobby Cash, Bhanwari Devi, Gulabo Sitabo) – (हिन्दी में लिरिक्स)
Movie/Album: गुलाबो सिताबो (2020)
Music By: अनुज गर्ग
Lyrics By: दिनेश पंत
Performed By: बॉबी कैश, भंवरी देवी
फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
खटके ज़माने की आँखों में
उलझे गठरी की गाँठों में
नुक्कड़ पे बाज़ारों में
सैर सपाटा करे
फटी अचकन के धागों पे...
खाली थाली में गाली परोसे
बातों में दुनाली
अठन्नी रुपे का कमाए निवाला
नखरे बेमिसाली
इसकी कमरिया लचकती
नज़रिया मटकती
और मटके बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों पे...
ना कोई समझा क्या ये चीज़ है बुढ़ऊ
इसकी बदतमीज़ी में थोड़ी सी तमीज़ है
रग-रग में इसकी कारस्तानी है
खुद न सोए और नींदों को सुलाए चले
ये तो ख्वाबों को ओढ़े बिछाए चले
छुपा दाढ़ी में तिनका घूमे
अड़ियल बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों को
बुन ले बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं अब तो संभल जा
दढ़ियल बुढ़ऊ
सुधर जा बुढ़ऊ
ओह हो बुढ़ऊ
अड़ियल बुढ़ऊ
Reprise
हो फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँस अटकी है फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
खटके ज़मानों की आँखों में
उलझे गठरियों की गाँठों में
गली-गली नुक्कड़ पे बाज़ारों में
सैर सपाटा करे
हो फटी अचकन के धागों पे...
खाली थाली में गाली परोसे
बातों में दुनाली
अठन्नी रूपइये का कमाए निवाला
नखरे बेमिसाली
कमरिया लचकती नजरिया मटकती
और मटके देखो बुढ़ऊ
हो फटी अचकन के धागों पे...
खुद न सोवे
खुद न सोवे
नींद को सुलाए चले
ये तो ख्वाबों को ओढ़े बिछाए चले
छुपा दाढ़ी में तिनका घूमे
ओ देखो, ओ देखो घूमे
अड़ियल बुढऊ
ओ फटी अचकन के धागों को
बुन ले बुढ़ऊ
अरे बुन ले बुढ़ऊ
बुढ़ऊ, बुढ़ऊ रे
ओ बुढ़ऊ
Music By: अनुज गर्ग
Lyrics By: दिनेश पंत
Performed By: बॉबी कैश, भंवरी देवी
फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
खटके ज़माने की आँखों में
उलझे गठरी की गाँठों में
नुक्कड़ पे बाज़ारों में
सैर सपाटा करे
फटी अचकन के धागों पे...
खाली थाली में गाली परोसे
बातों में दुनाली
अठन्नी रुपे का कमाए निवाला
नखरे बेमिसाली
इसकी कमरिया लचकती
नज़रिया मटकती
और मटके बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों पे...
ना कोई समझा क्या ये चीज़ है बुढ़ऊ
इसकी बदतमीज़ी में थोड़ी सी तमीज़ है
रग-रग में इसकी कारस्तानी है
खुद न सोए और नींदों को सुलाए चले
ये तो ख्वाबों को ओढ़े बिछाए चले
छुपा दाढ़ी में तिनका घूमे
अड़ियल बुढ़ऊ
फटी अचकन के धागों को
बुन ले बुढ़ऊ
साँसें अटकी हैं अब तो संभल जा
दढ़ियल बुढ़ऊ
सुधर जा बुढ़ऊ
ओह हो बुढ़ऊ
अड़ियल बुढ़ऊ
Reprise
हो फटी अचकन के धागों पे
लटके बुढ़ऊ
साँस अटकी है फिर भी देखो ना
सुधरे बुढ़ऊ
खटके ज़मानों की आँखों में
उलझे गठरियों की गाँठों में
गली-गली नुक्कड़ पे बाज़ारों में
सैर सपाटा करे
हो फटी अचकन के धागों पे...
खाली थाली में गाली परोसे
बातों में दुनाली
अठन्नी रूपइये का कमाए निवाला
नखरे बेमिसाली
कमरिया लचकती नजरिया मटकती
और मटके देखो बुढ़ऊ
हो फटी अचकन के धागों पे...
खुद न सोवे
खुद न सोवे
नींद को सुलाए चले
ये तो ख्वाबों को ओढ़े बिछाए चले
छुपा दाढ़ी में तिनका घूमे
ओ देखो, ओ देखो घूमे
अड़ियल बुढऊ
ओ फटी अचकन के धागों को
बुन ले बुढ़ऊ
अरे बुन ले बुढ़ऊ
बुढ़ऊ, बुढ़ऊ रे
ओ बुढ़ऊ