कंजूस - Kanjoos (Mika Singh, Gulabo Sitabo) – (हिन्दी में लिरिक्स)
Movie/Album: गुलाबो सिताबो (2020)
Music By: शान्तनु मोइत्रा
Lyrics By: पुनीत शर्मा
Performed By: मीका सिंह
जेब में ना हाथ डाले
दूसरों का माल खा ले
खर्चे सुन के खाँसने लग जाये रे
चाय में मक्खी जो गिरे
मक्खी चूस के निकाले
चाहे किसी और की हो चाय रे
आँसू बचाने के लिए करे नहीं क्राय
ओके वाले टेक्स्ट को भी के में ही निपटाए
आँसू बचाने के लिए करे नहीं क्राय
ओके वाले टेक्स्ट को भी के में ही निपटाए
अकल कितनी, हो अकल कितनी
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस हाय
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस हाय
हो रोटी पानी घर के लिए जेल चला जाएगा
मुफ्त में जाने को मिले हैल चला जाएगा
सोच के ये घर में कभी करता नहीं रोशनी
लालटेन चलेगी तो तेल चला जायेगा
हाय घर पे भी जो बुलाता है
मेहमानों को खिलाता है
शक्कर चावल दूध बिना खीर वो
अगर हुआ मर्ज़ कहीं
पैसा करे खर्च नहीं
ताकि साला मर सके अमीर वो
आँसू बचाने के लिए...
Music By: शान्तनु मोइत्रा
Lyrics By: पुनीत शर्मा
Performed By: मीका सिंह
जेब में ना हाथ डाले
दूसरों का माल खा ले
खर्चे सुन के खाँसने लग जाये रे
चाय में मक्खी जो गिरे
मक्खी चूस के निकाले
चाहे किसी और की हो चाय रे
आँसू बचाने के लिए करे नहीं क्राय
ओके वाले टेक्स्ट को भी के में ही निपटाए
आँसू बचाने के लिए करे नहीं क्राय
ओके वाले टेक्स्ट को भी के में ही निपटाए
अकल कितनी, हो अकल कितनी
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस हाय
अकल कितनी हो खर्च करे कंजूस हाय
हो रोटी पानी घर के लिए जेल चला जाएगा
मुफ्त में जाने को मिले हैल चला जाएगा
सोच के ये घर में कभी करता नहीं रोशनी
लालटेन चलेगी तो तेल चला जायेगा
हाय घर पे भी जो बुलाता है
मेहमानों को खिलाता है
शक्कर चावल दूध बिना खीर वो
अगर हुआ मर्ज़ कहीं
पैसा करे खर्च नहीं
ताकि साला मर सके अमीर वो
आँसू बचाने के लिए...