ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं - Zindagi Se Badi Saza Hi Nahin (Jagjit Singh) – (हिन्दी में लिरिक्स)
Movie/Album: हंगामा है क्यों बरपा (1985)
Music by: जगजीत सिंह
Lyrics by: कृष्ण बिहारी 'नूर'
Performed by: जगजीत सिंह
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
इतने हिस्सों में बट गया हूॅं मैं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
जड़ दो चांदी में चाहे सोने में
आईना झूठ बोलता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
Music by: जगजीत सिंह
Lyrics by: कृष्ण बिहारी 'नूर'
Performed by: जगजीत सिंह
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
इतने हिस्सों में बट गया हूॅं मैं
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...
जड़ दो चांदी में चाहे सोने में
आईना झूठ बोलता ही नहीं
ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा...